इटावा में सोलर प्लेट चोरी: इटावा जिले के निगोह ईकारपुर गांव में सोलर प्लेटों की चोरी की घटनाएं लगातार किसानों के लिए बड़ी समस्या बनती जा रही हैं। ताजा घटना में चोरों ने किसान बृजेंद्र सिंह भदौरिया के खेत से करीब एक दर्जन सोलर प्लेटें चोरी कर लीं। यह घटना उस समय सामने आई जब किसान सुबह करीब 10 बजे अपने खेत पर पहुंचे और चोरी का पता चला।
पहले भी हुई थी चोरी, पुलिस रही निष्क्रिय
यह पहली बार नहीं है जब बृजेंद्र सिंह के खेत से सोलर प्लेटें चोरी हुई हैं। इससे पहले 29 दिसंबर 2024 को भी उनके खेत से पांच सोलर प्लेटें चोरी हुई थीं। दोनों ही घटनाओं की सूचना पुलिस को दी गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। किसान ने घटना के तुरंत बाद डायल 112 पर सूचना दी, लेकिन पुलिस की कार्रवाई केवल औपचारिकता तक सीमित रही, जिससे किसानों का भरोसा प्रशासन पर कम होता जा रहा है। [इटावा में सोलर प्लेट चोरी]
सोलर प्लेटों की चोरी से बढ़ी परेशानियां
सोलर प्लेटें किसानों के लिए सिंचाई का मुख्य साधन हैं और इनकी कीमत हजारों रुपए होती है। इनकी चोरी से न केवल किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है, बल्कि फसलों की सिंचाई पर भी असर पड़ रहा है। लगातार हो रही चोरी की घटनाओं से किसान बेहद परेशान हैं।
प्रशासन की निष्क्रियता से बढ़े चोरों के हौसले
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता के कारण चोरों के हौसले बुलंद हो गए हैं। सदर तहसील क्षेत्र में सोलर प्लेट चोरी की यह अकेली घटना नहीं है। किसानों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में इस तरह की कई वारदातें हो चुकी हैं।
इटावा में सोलर प्लेट चोरी: किसानों का आक्रोश और आगे की तैयारी
किसानों का कहना है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद पुलिस की निष्क्रियता उनके लिए बड़ी चिंता का विषय बन गई है। इससे न केवल उनकी खेती प्रभावित हो रही है, बल्कि उनका मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है। आक्रोशित किसान अब उच्च अधिकारियों से मदद की गुहार लगाने की तैयारी कर रहे हैं।
जरूरी है कड़ी कार्रवाई
इन घटनाओं ने न केवल किसानों को आर्थिक रूप से कमजोर किया है, बल्कि प्रशासनिक ढांचे की कमजोरियों को भी उजागर किया है। चोरों पर लगाम लगाने और किसानों को न्याय दिलाने के लिए पुलिस और प्रशासन को तुरंत सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
निष्कर्ष:
सोलर प्लेटों की चोरी से किसानों की परेशानियां दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह इन घटनाओं को गंभीरता से ले और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। किसानों की समस्याओं का समाधान प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि वे बिना किसी डर और तनाव के अपने खेतों में मेहनत कर सकें।