Tighra Floating Solar Power Plant: इस बांध पर बनेगा फ्लोटिंग सोलर प्लांट, सस्ते में मिलेगी बिजली, जानिए पूरा प्लान

मध्य प्रदेश का तिघरा बांध अब “Tighra Floating Solar Power Plant” के लिए चर्चा में है। यह फ्लोटिंग सोलर प्लांट भारत में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य न केवल पर्यावरण को बढ़ावा देना है, बल्कि स्थानीय निकायों को सस्ती बिजली मुहैया कराना भी है। आइए जानते हैं इस परियोजना के खास पहलुओं के बारे में:

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तिघरा बांध पर क्यों बन रहा है फ्लोटिंग सोलर प्लांट

तिघरा बांध का जलस्तर और उसका स्थिरता स्तर इस प्रोजेक्ट के लिए बिल्कुल अनुकूल है। बांध पर फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाने का फायदा यह है कि सोलर पैनल पानी पर तैरते हुए बिजली का उत्पादन करेंगे। इससे जमीन की कमी को दूर किया जा सकेगा, साथ ही यह प्रोजेक्ट पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी अनुकूल होगा।

प्रोजेक्ट की मुख्य विशेषताएं

  1. स्थानीय निकायों को सस्ती बिजली: इस प्लांट से उत्पादित बिजली सीधे स्थानीय निकायों को सस्ती दर पर दी जाएगी।
  2. फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म टेक्नोलॉजी: पैनलों को सुरक्षित रखने और बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें एक हिस्सा पानी के ऊपर और एक हिस्सा पानी के नीचे रहेगा।
  3. इंवर्टर और ट्रांसफॉर्मर का इनोवेशन: पानी में ही बिजली को ग्रिड तक पहुंचाने के लिए इंवर्टर और ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे।

तिघरा बांध का जलस्तर: प्रोजेक्ट के लिए कितना महत्वपूर्ण

तिघरा बांध का न्यूनतम जलस्तर 705 फीट और अधिकतम 739 फीट है। यह जानकारी ऊर्जा विभाग द्वारा मांगी गई थी ताकि जलस्तर को ध्यान में रखकर कार्ययोजना तैयार की जा सके।

Tighra Floating Solar Power Plant: पर्यावरण और तकनीक का संगम

फ्लोटिंग सोलर प्लांट, जिसमें सोलर पैनलों को फ्लोटर पर रखा जाएगा, न केवल बिजली उत्पादन के लिए प्रभावी है बल्कि यह पानी के वाष्पीकरण को भी कम करता है। इससे बांध का जल स्तर लंबे समय तक स्थिर रह सकता है।

इस परियोजना से जुड़े संभावित लाभ

  • ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि: पानी की सतह पर तैरते सोलर पैनल से अधिक बिजली उत्पन्न होगी।
  • पर्यावरण संरक्षण: भूमि उपयोग की आवश्यकता न होने के कारण प्राकृतिक संसाधनों की बचत होगी।
  • रोजगार के अवसर: इस प्रोजेक्ट के तहत स्थानीय स्तर पर कई रोजगार अवसर भी पैदा होंगे।

तकनीकी चुनौतियां और समाधान

हालांकि, फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट के साथ कुछ चुनौतियां भी जुड़ी हो सकती हैं:

  1. पानी के स्तर में बदलाव से पैनल्स पर प्रभाव।
  2. उपकरणों के रखरखाव और उनकी कार्यक्षमता।
  3. पर्यावरणीय प्रभाव जैसे मछलियों और जलीय जीवन पर असर।

इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, प्रोजेक्ट के तहत अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

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तिघरा फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट का महत्व

यह परियोजना न केवल ऊर्जा संकट को कम करेगी, बल्कि भारत को अक्षय ऊर्जा की ओर एक कदम और आगे ले जाएगी। यह देश के अन्य हिस्सों में भी फ्लोटिंग सोलर प्लांट्स के लिए एक प्रेरणा बनेगी।

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