प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) योजना के तहत गुजरात सरकार किसानों को Solar Pump लगाने में वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। दिसंबर 2024 तक, राज्य में 7,700 से अधिक Solar Pump लगाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में इस योजना का तेजी से क्रियान्वयन हुआ है, जिससे किसानों को सिंचाई के खर्च में कमी और बिजली बचाने का फायदा मिला है।
सब्सिडी और सहायता
इस योजना के तहत सरकार ने 218 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी दी है, जो Solar Pump की लागत का लगभग 70% है। इससे न केवल किसानों की लागत घटी है, बल्कि यह पर्यावरणीय स्थिरता के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। गुजरात सीएमओ द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, ये Solar Pump पूरी तरह से ऑफ-ग्रिड हैं और प्रदूषण-मुक्त ऊर्जा प्रदान करते हैं।
PM-KUSUM योजना का उद्देश्य
2019 में शुरू हुई PM-KUSUM योजना का मकसद सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना और सिंचाई के लिए बिजली और पानी की नियमित उपलब्धता सुनिश्चित करना है। गुजरात को इस योजना के तहत मार्च 2026 तक 12,382 स्टैंडअलोन ऑफ-ग्रिड Solar Pump स्थापित करने की मंजूरी मिली है।
किसानों के अनुभव
जूनागढ़ के भेसन तालुका की किसान विजयाबेन वी. असोदरिया बताती हैं, “यह Solar Pump बिना बिजली के दिन में 8-10 घंटे तक चलता है। इसे स्थापित करने के बाद पिछले पांच वर्षों में किसी तरह का रखरखाव नहीं करना पड़ा। इससे फसल की पैदावार और आय में वृद्धि हुई है।”
Solar Pump लगाने में अव्वल जिले
गुजरात का नर्मदा जिला 5,100 से अधिक Solar Pump स्थापित कर इस योजना में सबसे आगे है। अन्य जिलों में वलसाड (460+), बनासकांठा (450+), डांग (320+), महिसागर (260+), गिर सोमनाथ (220+), छोटा उदेपुर (180+), तापी (160+), कच्छ (130+), और नवसारी (100+) उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं।
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Solar Pump के फायदे
- बिजली की बचत और खर्च में कमी।
- प्रदूषण-मुक्त और पर्यावरण के अनुकूल।
- सिंचाई की लागत में भारी कमी।
- न्यूनतम रखरखाव के साथ बेहतर प्रदर्शन।
- किसानों की आय में इजाफा।
निष्कर्ष
Solar Pump गुजरात के किसानों के लिए गेम चेंजर साबित हो रहे हैं। PM-KUSUM योजना के तहत सोलर ऊर्जा का यह उपयोग न केवल सिंचाई के खर्च को घटा रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मददगार है। आने वाले समय में यह पहल कृषि क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि का प्रतीक बनेगी।